tag:blogger.com,1999:blog-3414936374023802462024-03-19T15:45:29.145+05:30नव अंशुकरेजमे जनमल मोती सन भाव जे शब्दक माला बनि गेलamit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.comBlogger973125tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-30146333435153353042023-06-16T18:13:00.001+05:302023-06-16T18:13:05.666+05:30कहमुकरी<div>#कहमुकरी</div><div>1</div><div>सदिखन हमर चिन्ता करय</div><div>हमरा खातिर हमरेसँ लड़य</div><div>कहय देहपर चढ़बू माँउस</div><div>के सखि साजन ?</div><div>ने सखि साउस |</div><div>2</div><div>सब सप्ताहे गामे आबथि</div><div>गाल रगड़ि क' लाले करथि</div><div>प्रेम करै छन्हि हुनका गौंआ</div><div>के सखि साजन ?</div><div>ने सखि नौआ ।</div><div><br></div><div>अझुका #कहमुकरी</div><div>रहथि गरम त' नीक लागै छथि</div><div>ठंढामे बड़ इयादि आबै छथि</div><div>ठोर सटथि त' मन कहय वाह</div><div>के सखि साजन ?</div><div>ने सखि चाह |</div><div><br></div><div>#कहमुकरी</div><div>हमरे निज संसार बुझै छथि</div><div>हमरा गारा केर हार बुझै छथि</div><div>लागय जेना हमरामे लस्सा</div><div>के सखि साजन ?</div><div>नै सखि, बच्चा ?</div><div><br></div>amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-73160341698732427132020-05-26T10:30:00.001+05:302020-05-26T10:33:21.696+05:30नव अंशु (गजल संग्रह) पढ़ू<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<br /></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<span style="color: #cc0000;">डाउनलोड</span><span style="color: lime;"> </span>बटन पर <span style="color: #0b5394;">क्लिक</span> क' <span style="color: red; font-size: large;"><b><u><i>नव अंशु</i></u></b></span> डाउनलोड क' सकै छी।</div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://drive.google.com/u/0/uc?id=1FH9yshc0Fk3lT4oDjHojqeV-KDDdkqpi&export=download" target="_blank"><img border="0" data-original-height="321" data-original-width="512" height="200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiydU4qrjOmJlRBI_iNM9DgkGoZP_MYc16UNJfl2_2th-_OoWxD3r8JJU2wyjyQFhKiw3Y4qJ_53CJb1HZ9sIpU4gTzMe7EoFhg_zlDq7GAXPjyar35O4QV4OcXcVIa0E1eN-qkTDR59Mc/s320/unnamed.png" width="320" /></a></div>
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<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<br /></div>
<iframe height="480" src="https://drive.google.com/file/d/1FH9yshc0Fk3lT4oDjHojqeV-KDDdkqpi/preview" width="640"></iframe>amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-27527755024145428442020-01-22T21:41:00.003+05:302020-01-22T21:41:57.752+05:30नानीक कुकुर<p dir="ltr">5.62<br>
कुकुर एकटा पोसलक नानी<br>
भानस   घरमे    घुसलै   ओ<br>
तामसे नानी ने  देलकै  रोटी<br>
एहि   लेल   त'   रूसलै  ओ</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-38644646803348859852020-01-22T21:41:00.001+05:302020-01-22T21:41:02.789+05:30चिड़ियाँ<p dir="ltr">5.61 चिड़ियाँ</p>
<p dir="ltr">हमर आंगन सुन्दर चिड़ियाँ<br>
गहुँम बिछै लए आबै छै<br>
ल'ग बजाबी जतबे ओकरा<br>
ओतबे दूर ओ भागै छै<br>
बैस चारपर गीत गाबि क'<br>
हमरा खूब सिहाबै छै</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-77444967821143867962020-01-22T21:40:00.001+05:302020-01-22T21:40:20.596+05:30ललका फुक्का<p dir="ltr">5.60 ललका फुक्का</p>
<p dir="ltr">हाथसँ छूटलै<br>
ललका फुक्का<br>
सीधे उपर उड़ल जाए<br>
कुदि-कुदि क'<br>
पकड़अ चाही<br>
मुदा दूर ओ भागल जाए</p>
<p dir="ltr">©अमित मिश्र</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-16465175397624924932020-01-22T21:39:00.003+05:302020-01-22T21:39:36.316+05:30अरे बाप रे<p dir="ltr">5.59<br>
अरे बाप रे</p>
<p dir="ltr">सगरो करिया भरल कुहेस छै<br>
अरे बाप रे<br>
कम्बल ओढ़ने सगर देश छै<br>
अरे बाप रे</p>
<p dir="ltr">ओस खसै छै झीसी बनि क' आंगनमे<br>
बाट भिजै छै ओहिना जहिना सावनमे<br>
एक बीत ने बचल शेष छै<br>
अरे बाप रे<br>
कम्बल ओढ़ने सगर देश छै<br>
अरे बाप रे</p>
<p dir="ltr">ख'ढ़ अ'ढ़सँ कुकुरबा कुहरब बंद भेल ने<br>
कनकन्नी बिसबिस्सी किछुओ मंद भेल ने<br>
सुरूजक नै किछु लवलेस छै<br>
अरे बाप रे<br>
कम्बल ओढ़ने सगर देश छै<br>
अरे बाप रे</p>
<p dir="ltr">भोंकि रहल छै सुलफा किओ पएर हाथमे<br>
गँती त'रमे स्वेटर बूसट टोपी माँथमे<br>
अनमन एलियन सन भेष छै<br>
अरे बाप रे<br>
कम्बल ओढ़ने सगर देश छै<br>
अरे बाप रे</p>
<p dir="ltr">बात नीक एक्कहि टा जे इस्कूल छै बन्दे<br>
सीरक त'रमे पढ़ब लिखब खेलब छै धन्धे<br>
निकलैमे बाहर बड़ कलेस छै<br>
अरे बाप रे<br>
कम्बल ओढ़ने सगर देश छै<br>
अरे बाप रे</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-3512748741519814832020-01-22T21:39:00.001+05:302020-01-22T21:39:04.176+05:30जीवन सुखद बनाउ<p dir="ltr">5.58 जीवन सुखद बनाउ</p>
<p dir="ltr">नै बेसी घबराउ अहाँ<br>
नै बेसी डेराउ अहाँ<br>
बाधा-विध्न वा कठिन समयमे<br>
आगू बढ़िते जाउ अहाँ</p>
<p dir="ltr">ताकू पाछू घुरि ने अहाँ<br>
काज निमाहू सुरिमे अहाँ<br>
साधि निशाना चलू लक्ष्यपर<br>
नै बेसी भरमाउ अहाँ</p>
<p dir="ltr">चिन्हू असली मीत अहाँ<br>
बाँटू सगरो प्रीत अहाँ<br>
गलत बाटपर चलि रहलै जे<br>
तकरासँ बचि जाउ अहाँ</p>
<p dir="ltr">हँसैत-खेलैत रहू अहाँ<br>
चंचल बनि क' चलू अहाँ<br>
आलस मोनक सभ मेटा क'<br>
जीवन सुखद बनाउ अहाँ</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-24666170118571764342020-01-22T21:38:00.001+05:302020-01-22T21:38:26.712+05:30ध' ले बौआ कानमे<p dir="ltr">5.57 ध' ले बौआ कानमे</p>
<p dir="ltr">अपन देशक नाम उँच होइ<br>
एतबे टा बस ध्यानमे<br>
अपन तिरंगा फहरैत रहय<br>
ई निलहा असमान मे</p>
<p dir="ltr">सभसँ आगू नाम एकर होइ<br>
सभटा अनुसंधानमे<br>
बृद्धि सदिखन होइते रहय<br>
लुरि बुधि आ ज्ञानमे</p>
<p dir="ltr">प्रेम भिव केर लत्ती पसरय<br>
आंगन संग दलानमे<br>
झूठ-फरेब मद मोह ने रहय<br>
देशक सभ संतानमे</p>
<p dir="ltr">भरि दुनियाँक शीष झुकल हो<br>
भारतक रण मैदानमे<br>
एक पाँतिमे ठाढ़ रहय सभ<br>
एहि देशक सम्मानमे</p>
<p dir="ltr">बात एकटा बौआ बुच्ची<br>
ध' ले अपन कानमे<br>
विश्व मुकुट भारत बनि रहय<br>
जुटि जो ई अभियानमे<br>
</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-13887014924555897092020-01-22T21:37:00.001+05:302020-01-22T21:37:34.536+05:30मैथिली बाल कविता - सैनिक<p dir="ltr">5.56 सैनिक</p>
<p dir="ltr">हमर तोहर सभक रक्षा, लेल के प्राण गमाबै छै ?<br>
के छै वीर मनुख जकरा, किछु ने डर सताबै छै ?</p>
<p dir="ltr">माए-बापसँ नाता तोड़ि<br>
जाइ छै के मुँह मोड़ि क' ?<br>
भाइ-बहिनसँ मुँह नुका<br>
जाइ छै के घर छोड़ि क' ?<br>
अपन पैरपर जाइ बला के, ओढ़ि तिरंगा आबै छै ?<br>
हमर तोहर सभक रक्षा, लेल के प्राण गमाबै छै ?</p>
<p dir="ltr">बड़ संयमसँ अपन भावना<br>
रखै के मोनमे दाबि क' ?<br>
कोमल हियाकेँ बज्र बनेने<br>
मगन के मृत्यु पाबि क' ?<br>
अपन ठोर के माहुर घसि, सभक ठोर मुस्काबै छै ?<br>
हमर तोहर सभक रक्षा, लेल के प्राण गमाबै छै ?</p>
<p dir="ltr">ककरा छै बस एकहिं इच्छा<br>
रहय शान्ति सभ गाममे ?<br>
अमर शब्द जोड़बै लए तत्पर<br>
के छै अपन नाममे ?<br>
मातृभूमिपर सभ त्यागि के , सैनिक वीर कहाबै छै ?<br>
हमर तोहर सभक रक्षा, लेल के प्राण गमाबै छै ?</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-86386793125759472372019-08-13T18:54:00.001+05:302019-08-13T18:54:19.380+05:30भोर<p dir="ltr">5.55 भोर</p>
<p dir="ltr">धरती चमकय<br>
कौआ कुचरय <br>
किए करैए शोर</p>
<p dir="ltr">शीतल हवा<br>
चान पड़ाएल<br>
लागय भेलै भोर</p>
<p dir="ltr">ललकी दिनकर<br>
उगलै नभपर<br>
पसरल खूब इजोर</p>
<p dir="ltr">आलस छूटल<br>
काजमे लागल<br>
आनंदे चहूँ ओर</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-30387521710528679322019-08-13T18:53:00.003+05:302019-08-13T18:53:35.259+05:30मीट्ठू राम<p dir="ltr">5.54 मिट्ठू राम</p>
<p dir="ltr">अहींक जातिक बाँकी बहुते<br>
बुधि बिना सभ मुर्ख चपाठ<br>
कोन गुरूसँ शिक्षा ल' क'<br>
अहाँ पढ़ै छी सुन्दर पाठ ?</p>
<p dir="ltr">सीख कत'सँ टाहि मारै छी<br>
राम राम जय सीता राम ?<br>
बाजि दिऔ यौ मिट्ठू राम</p>
<p dir="ltr">नहि पिंजरामे नीक लागैए<br>
अहाँ उड़ै छी नील अकास<br>
मधुर कंठसँ गीत गाबै छी<br>
सिखलौं कत' एहन भास ?</p>
<p dir="ltr"> मिरचाइ बहुते नीक लागैए<br>
किए खाइ ने अहाँ आम ?<br>
बाजि दिअ यौ मिट्ठू राम</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-6351749534574999402019-08-13T18:53:00.001+05:302019-08-13T18:53:07.903+05:30मीत<p dir="ltr">5.53 मीत</p>
<p dir="ltr">जग भरिमे नै नाता कोनो<br>
सुन्नर अपन मीत सन<br>
जीवनमे छै खूब जरूरत<br>
छंद लय आ गीत सन</p>
<p dir="ltr">कठिन समय आबैए जखन<br>
मोन पड़ैए मीते टा<br>
सभटा दुख मेटाबय मीता<br>
बाँटैए ओ प्रीते टा</p>
<p dir="ltr">नीक-बेजाए सभ बात कही<br>
बस मीतेकेँ कानमे<br>
मीते सरस जीवन बनबैए<br>
बाँकी सभ इंसानमे<br>
</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-9562834731126291662019-08-13T18:52:00.003+05:302019-08-13T18:52:41.005+05:30मच्छर मार अभियान<p dir="ltr">5.52 मच्छर मार अभियान</p>
<p dir="ltr">ठीक अधरतिया सभ छल सूतल<br>
भेलै तखने शोर<br>
सगरो घर अनघोल भ' गेलै<br>
ताली बाजल जोर</p>
<p dir="ltr">बहुत नीक छल सपना तखन<br>
छलहुँ चानक पार<br>
सुग्गा जकाँ अकासमे विचरण<br>
छल परीक संसार</p>
<p dir="ltr">ओहि तालीसँ नीन उचटि गेल<br>
जागल मम्मी सेहो<br>
ताली बजबैत हकमैत पापा <br>
कूदै छल बड देहो</p>
<p dir="ltr">मम्मी पुछलक अधरतियामे<br>
किए बजाबी ताली<br>
मच्छर मार अभियान चलल छै<br>
बुझलौं यै घरवाली</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-8025046755350717852019-08-13T18:52:00.001+05:302019-08-13T18:52:09.988+05:30बड़का आफति<p dir="ltr">5.51 बड़का आफति</p>
<p dir="ltr">पापा जी लेल चाट पकौड़ी<br>
हमरा लेल छै दूध आ दालि<br>
टी.वी. देखैत हुनका देखिते<br>
सतमे फाटय हमर मालि</p>
<p dir="ltr">मम्मी सेहो निफिकिर छै<br>
भरि दिन चलबै छै मोबाइल<br>
बड़का भैया भरि दिन घुमै<br>
नीक लागय नै ओकर चालि</p>
<p dir="ltr">सभ रहै छै बड मस्तीमे<br>
बात कहै छी हम भितरका<br>
हमरे स्कूल जाए पड़ै छै<br>
छै इएह त' आफति बड़का</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-41659513698163690442019-08-13T18:51:00.003+05:302019-08-13T18:51:42.897+05:30वानर जीक पकौड़ी<p dir="ltr">5.50 वानर जीक पकौड़ी</p>
<p dir="ltr">बाहर बर्षा बरसि रहल छल<br>
भिजैत वानर घरपर पहुँचल</p>
<p dir="ltr">वनरनीसँ कहलक वानर<br>
बड सुन्दर मोसम छै बाहर</p>
<p dir="ltr">थरथर थरथर देह काँपैए<br>
गत्तर गत्तर जाड़ लागैए</p>
<p dir="ltr">एहि मोसममे सुआद आनू<br>
गरमा गरम पकौड़ी छानू</p>
<p dir="ltr">वनरनी तामसमे बाजल<br>
लागि रहल भेलौंए पागल</p>
<p dir="ltr">बेसन प्याज जँ नै आनलौं<br>
कोन मुँहसँ ई सभ बाजलौं</p>
<p dir="ltr">वानर जीक मुँह भेल बंद<br>
सुन्दर मोसम भ' गेल मंद</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-5714619785797815072019-08-13T18:51:00.001+05:302019-08-13T18:51:13.042+05:30नानीक दबाइ<p dir="ltr">5.49 नानीक दबाइ</p>
<p dir="ltr">तामससँ छै सूरज लाल<br>
बुझा रहल पड़तै अकाल<br>
गरम भेल छै एसी फ्रीज<br>
वर्षो छै बनि गेल सवाल</p>
<p dir="ltr">गरम हवा आ गरमे पानि<br>
लह लह लू करै छै हानि<br>
डोलि रहल ने एकटा पत्ता<br>
कोन उपाय करी नै जानि</p>
<p dir="ltr">एहिनामे चलि एलनि नानी<br>
हम कहलियै सभ कहानी<br>
उपाइ देलनि ओ बहुते नीक<br>
रहय आब ठंढ़ा घैलक पानी</p>
<p dir="ltr">कहलनि गाछ लगाबू आइ<br>
एहि रोगकेँ इएह दबाइ<br>
हम त' खेलौं सप्पत तखने<br>
संग अहाँ देबै ने भाइ<br>
</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-6228018783748801322019-08-13T18:50:00.003+05:302019-08-13T18:50:46.240+05:30बढ़ियाँ बौआ<p dir="ltr">5.48बढ़ियाँ बौआ</p>
<p dir="ltr">बैस समय नै व्यर्थ बिताबय<br>
काज तुरत अपन सरियाबय<br>
बढ़ियाँ बच्चा वएह कहाबय</p>
<p dir="ltr">झगड़ा-तगड़ा जे नै करय<br>
प्रेम-भावसँ हिलमिल रहय<br>
बढ़ियाँ बच्चा वएह बनय</p>
<p dir="ltr">माएक-बाबूक बात जे मानय<br>
ने जिद करय ने कखनो कानय<br>
बुझनुक बच्चा वएह कहाबय</p>
<p dir="ltr">सभक सम्मानक ध्यान राखय<br>
झूठ-फूसिकेँ छल जे नै माखय<br>
सभक स्नेहक स्वाद ओ चाखय</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-88215939978863742032019-08-13T18:50:00.001+05:302019-08-13T18:50:16.016+05:30की देखै छी ?<p dir="ltr">5.47 की सिखै छी ?</p>
<p dir="ltr">की देखै छी ?<br>
ह'र देखै छी<br>
घ'र देखै छी<br>
बैसल बरदक<br>
ग'र देखै छी ।</p>
<p dir="ltr">की करै छी ?<br>
रेल बनै छी<br>
खेल खेलै छी<br>
संगी सभसँ<br>
मेल करै छी ।</p>
<p dir="ltr">की सिखै छी ?<br>
जते पढ़ै छी<br>
तते गुणै छी<br>
सभक क'हल<br>
हम करै छी ।</p>
<p dir="ltr">की बनै छी ?<br>
भोर उठै छी<br>
योग करै छी<br>
मेहनत क' क'<br>
निरोग बनै छी ।</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-81109140422448414962019-08-13T18:49:00.003+05:302019-08-13T18:49:36.239+05:30सत्य<p dir="ltr">5.46 सत्य</p>
<p dir="ltr">सत्य बाजि क' जिनगी काटअ<br>
ऋषि-मुनि कहि गेल<br>
झूठ बाजि जे जिनगी बितबय<br>
बड़का पापी भेल</p>
<p dir="ltr">नामी राजा हरिश्चंद्र केर, <br>
नाम सत्य लेल जानैए<br>
सत्य सभ ठाम विजय रहै छै<br>
भरि दुनियाँ ई मानैए</p>
<p dir="ltr">सत्य अहिंसा गाँधी जी केर<br>
शस्त्र छलै आजादीमे<br>
झूठ बाजि जे दिवस गमाबय<br>
पड़ल बुझू बर्बादीमे</p>
<p dir="ltr">सत्य भाव विश्वास बढ़ाबय<br>
आउ एकर संधान करी<br>
झूठ अलोपित भ' जाए जगसँ<br>
आउ एहन अभियान करी<br>
</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-23314648510849105082019-08-13T18:49:00.001+05:302019-08-13T18:49:11.001+05:30नित दिन भोरे भोर<p dir="ltr">5.45 नित दिन भोरे भोर</p>
<p dir="ltr">सुग्गा-मैना गीत गबैए<br>
लाल-पीयर फूल फुलाइए<br>
ललका सूरज पूब उगैए<br>
नित दिन भोरे-भोर</p>
<p dir="ltr">जीव-जंत सभ झुमि उठैए<br>
धरती नव श्रृंगार रचैए<br>
चान-तरेगण दुबकि रहैए<br>
नित दिन भोरे-भोर</p>
<p dir="ltr">समयक सुइया चलि पड़ैए<br>
नव काज सभ माँथ चढ़ैए<br>
नव शक्तिक संचार करैए<br>
नित दिन भोरे-भोर<br></p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-30382280126417109062019-08-13T18:48:00.001+05:302019-08-13T18:48:34.602+05:30अबीर गुलाल<p dir="ltr">5.44 अबीर गुलाल</p>
<p dir="ltr">झुमकी चुमकी देखबैत एलै<br>
बड़ा गजब छल ओकर चाल<br>
छुटकी संग बलजोरी भेलै<br>
चुटकी भेलै लाले लाल<br>
खूब उड़ैए अबीर गुलाल</p>
<p dir="ltr">रधियाकेँ बुचिया ध' लेलक<br>
सीधे बाल्टी रंग उझललक<br>
सभटा ओलि सधाबय सोनी<br>
भेल छलय जे परूँका साल<br>
खूब उड़ैए अबीर गुलाल</p>
<p dir="ltr">सोनू हरियर रंग ल' एलै<br>
इम्हर मोनू तंग भ' गेलै<br>
मुँहपर एते रंग रगड़लक<br>
फूलि लटकलै ओकर गाल<br>
खूब उड़ैए अबीर गुलाल</p>
<p dir="ltr">रोहित हाथ नाचै पिचकारी<br>
भेल फुक्कासँ मारामारी<br>
सुमन भुवन सभ बाजै छलै<br>
मोन रहत एहि बेरका साल<br>
खूब उड़ैए अबीर गुलाल</p>
<p dir="ltr">लागै इन्द्रधनुष छै उतरल<br>
सगरो धरती रंगे पसरल<br>
प्रेम भाव केर पावनि होली <br>
भाइचारा सभ ठाम बहाल<br>
खूब उड़ैए अबीर गुलाल</p>
<p dir="ltr"> 2019/03/20 21:15 </p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-5320495514237723262019-08-13T18:47:00.003+05:302019-08-13T18:47:57.047+05:30माँटिक मोल चुका देब (बाल गीत)<p dir="ltr">5.43 माँटिक मोल चुका देब</p>
<p dir="ltr">तीन रंगक प्रिय तिरंगा ,हमर सभक शान बुझू<br>
बाउल सिमेंटक घर ने अपन, घर हिन्दुस्तान बुझू</p>
<p dir="ltr">अपन माँसँ बेसी कर्जा <br>
भारत माँ केर खेने छी<br>
एकर दाना-पानी-वायु<br>
अपन देह लगेने छी<br>
माँटिक मोल चुका देब, अहाँ निज सम्मान बुझू</p>
<p dir="ltr">जे सोचैए देशक विपरीत<br>
दुश्मन तकरा मानि लिअ<br>
जे ने देशक हित चाहैए<br>
नजरमे तकरा आनि लिअ<br>
राष्ट्रधर्मसँ कन्छी काटय, तकरा त' बैमान बुझू</p>
<p dir="ltr">भारत माँ केर वीर पूत छी<br>
अहाँ विकट सेनानी छी<br>
ऊँच गगनमे उड़य तिरंगा<br>
तकरे त' अभियानी छी<br>
देश प्रेमसँ पैघ ने किछुओ, अहाँ से विज्ञान बुझू</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-54915830862951124322019-08-13T18:47:00.001+05:302019-08-13T18:47:10.259+05:30गंगामे डुबकी लगेबै (बाल गीत)<p dir="ltr">5.42 गंगामे डुबकी लगेबै</p>
<p dir="ltr">जतेक बेर गंगामे डुबकी लगेबै<br>
ततेक बेर तिलबा बाबीसँ लेबै<br>
तिल केर जारनिकेँ घूरा बना क'<br>
भोरे भोरे अपन देह गरमेबै</p>
<p dir="ltr">सोन्हर मनभावन जे मिठका चुरलाइ छै<br>
खाएबा बेर दाँत बला केवल अगुआइ छै<br>
मूसा जकाँ हम काटब हबक्का<br>
भोरेसँ चुरलाइ नुका हम खेबै<br>
जतेक बेर गंगामे डुबकी लगेबै</p>
<p dir="ltr">छल्हिगर चूड़ा दही संग गुड़ मिठाइ छै<br>
तिल चाउर गुड़ फेर गोसांई घर जाइ छै<br>
बाबी बाबा मम्मी पापासँ तिल ल'<br>
बहबै सभ दिन से सप्पत खेबै<br>
जतेक बेर गंगामे डुबकी लगेबै</p>
<p dir="ltr">खिचड़ी संग घीउ दही पापड़ अचार छै<br>
उपजा केर एहि उत्सवमे एतबे सचार छै<br>
तिलासंक्रांति केर दुपहरमे कसि क'<br>
गोलू आ गुड़िया संग गुड्डी उड़ेबै<br>
जतेक बेर गंगामे डुबकी लगेबै</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-71506211804340105792019-08-13T18:46:00.001+05:302019-08-13T18:46:31.310+05:30राति घनघोर हो (बाल गीत मैथिली)<p dir="ltr">5.41 राति घनघोर हो<br>
माहुर सन भोर हो<br>
नहिं जँ इजोर हो, त संबल ध' रह ने</p>
<p dir="ltr">तन केर तागतसँ किछ होइ नै बाउ रे<br>
असलीमे चाही बस मजगुत हिआउ रे<br>
अनकर सोराज हो<br>
विपरीत समाज हो<br>
भारी सन काज हो, त' निर्बल भ' रह ने</p>
<p dir="ltr">पाथरकेँ चीर मनुख बनबै छै बाट रे<br>
सभटा समस्या केर मनुखे लग काट रे<br>
समस्या संगोर हो<br>
नै ओर - छोड़ हो<br>
मन जँ विभोर हो, त' अथबल भ' रह ने</p>
<p dir="ltr">तागत संग बुधि केर जँ भ' जाइए मेल रे<br>
क्षण पलटि जाइ छै बिगड़ल सभ खेल रे<br>
लेभरल किताब हो<br>
नै जँ जबाब हो<br>
शक्तिक अभाव हो, त' सुटकल तूँ रह ने</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-341493637402380246.post-26817637777780075422019-08-13T18:45:00.003+05:302019-08-13T18:45:50.848+05:30बाजयसँपहिने जोखि लिअ<p dir="ltr">5.40 बाजयसँ पहिने जोखि लिअ</p>
<p dir="ltr">एकहक टा आखरकेँ अहाँ<br>
बाजयसँ पहिने जोखि लिअ<br>
अनकर मन जे ठेस लगाबय<br>
एहन बात सब सोखि लिअ</p>
<p dir="ltr">बंदूकसँ निकलल एक गोली<br>
घुरि पुनः नै आबैए<br>
बीत गेल जे समय एक बेर<br>
फेर घुरि नै पाबैए<br>
बादमे लाज ने पछतावा हो<br>
से सभ पहिने सोचि लिअ<br>
अनकर मन जे........</p>
<p dir="ltr">सभ ठाम मान दियाबै बोली<br>
सगरो शान बढ़ाबैए<br>
इएह बोली जे एकहिं क्षणमे<br>
सभसँ मारि खुआबैए<br>
घात करय से बातकेँ झट द'<br>
अपने मनमे रोकि लिअ<br>
अनकर मन.............</p>
<p dir="ltr">बाबन अक्षर मिला क' देखू<br>
भाषा अपन बनाबैए<br>
एकरे बलपर मानव मन केर<br>
सभटा भाव बताबैए<br>
नीक भाव जँ बता सकी त'<br>
झट द' ककरो टोकि लिअ<br>
अनकर मन.........</p>
amit kumarhttp://www.blogger.com/profile/02928996408974690140noreply@blogger.com0