पेज

मंगलवार, 23 मई 2017

रूबाइ

हमर आँखिमे सपना अहाँ केर छै
हमर दिलपर गोदना अहाँ केर छै
हम अहींक पूरक जकाँ छी प्रिय
हमर भागमे विधना अहाँ केर छै

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें