पेज
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
लघु कथा
▼
शनिवार, 16 मार्च 2013
शायरी
हम तो रोते-रोते मुस्कुरा दिया करते हैं
भींगते-भींगते भी दिल जला दिया करते है
हमे पता है गम छूपाने कि हरेक अदा
उनके आते हीं आँसू छूपा दिया करते है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें