बाल कविता-262
बच्चा सपना देखै छै
छोट घरमे संग चच्चा छै
माए एकटा एक बच्चा छै
चच्चा भरि दिन खेत जोतै छै
बच्चा खाली माटि खोदै छै
माए सिबै छै कपड़ा-लत्ता
बाच्चा बिछै आमक पत्ता
बच्चा सपना खूब देखै छै
टाकाक ओत' गाछ रोपै छै
चारितल्ला नव घर बनै छै
कपड़ा- गहनासँ माए सजै छै
साँझे खा क' खूब सुतै छै
असली जिनगी ओतै जिबै छै
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