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सोमवार, 2 फ़रवरी 2015

चाही हमरा पनितोआ


बाल कविता-159
हमरा चाही पनितोआ

नै मिसरी आ नै खोआ
हमरा चाही पनितोआ

एत्ते चाही ओत्ते चाही
जत्ते खेबै तत्ते चाही
रसगर रसगर पनितोआ
हमरा चाही पनितोआ

गुलगुल गुलगुल करै छै
उज्जर उज्जर लगै छै
जहिना छै कटहर कोआ
हमरा चाही पनितोआ

पप्पा आनथि मम्मी आनथि
बाबा आनथि बाबी आनथि
सब आनै छै भरि कोहा
चाही हमरा पनितोआ

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