प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 25 मार्च 2013

अंग्रेज नेना

अंग्रेज नेना

दस वर्षक बाद श्याम बाबू गाम आएल छलाह । इंजीनियर बनलाक बाद दिल्लीएमे अपार्टमेण्ट कीन ओतै बसि गेल छलखिन ।10 वर्ष पहिने, जखन विआह ठीक भेल छलन्हि तखन गाम आएल छलाह ।दुनू प्राणी एक्के पेशामे तें बजारे बसनाइ नीक बुझेलन्हि ।मुदा आब माए अंतीम साँस लऽ रहल छन्हि तें कनियाँ आ बेटाक मोन नै रहितो, आबऽ पड़लनि ।गाम एलापर टोलक दोस्त-महिम सब भेंट करऽ आबऽ लागलनि ।एक दिन हुनक बेटाकें देख बुचनू कक्का पुछलन्हि ,"बौआ, अपनेक शुभ नाम की अछि ?"

6 वर्षक नेना बुचनू कक्काक नंग-धरंग देहपर गोबर लाग आ हाथमे छीट्टा देखैत बाजल,"ह्वाट आर यू टेलिंग, पूअर भिलेजर, आइ विल नाँट टाक विद यू ।"

बुचनू कक्काकें समझमे किछु नै एलै मुदा बूझि गेलखिन जे नेना इंग्लिस बाजै छै ,हुनका बड छगुन्ता भेलै ।मोने- मोन सोचऽ लागलाह जे श्याम बाबू मैथिल छथि, कनियों मैथिलानी छथिन्ह, तखन हुनकर अंशसँ कोना जनमि गेलै अंग्रेज नेना ।

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें