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बुधवार, 5 जून 2013

गाछे जीवन

बाल कविता-66
गाछे जीवन

गाछे जीवन गाछे धऽन
गाछेपर संसार चलय
गाछेसँ दू कऽर भोजन
गाछेसँ घर-बार बनय
गाछे दै अछि प्राणवायु
गाछेसँ तँ आगि जरय
गाछै हरै सी॰ओ॰टू*क आयु
गाछेसँ तँ शीतल रहय
गाछो तँ अछिए सजीव
एकरो काटने पाप चढ़य
नहि बाजै भऽ निर्जीव
मुदा एकरो कोढ़ फटय
सप्पत खाउ करब संरक्षण
गाछोकेँ सब पूजन करय
रोपब मुदा नै करब भक्षण
गाछे पकिया मीत बनय

अमित मिश्र

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