दुर्गा भजन
जगदम्बा आजु जागलनि हे
देखू हँसि हँसि फूल फुलाओल हे
जागल धरती जागलनि देवता
सब मिल स्तुति गाओल हे
जगदम्बा . . .
कोइली कुहकल मोरबा नाचल
आइ गरम बसात शीताओल हे
जगदम्बा . . .
दाइ-माइ चलली खोंइछ भरै लए
दूइभ फूल अक्षत चढ़ाओल हे
जगदम्बा . . .
कर जोड़ि विनती सब किओ करय
"अमित"क आश पुराओल हे
जगदम्बा . . .
अमित मिश्र
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