प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 6 अक्तूबर 2014

गजल-गुनगुना लिअ

गजल-2.33

नव प्रीतमे चुलबुला लिअ
हम गीत छी गुनगुना लिअ

ई द्वन्द मोनक कखन धरि
उत्तर गजलके बना लिअ

दुखकेँ घटा बरसि जेतै
चिट्ठी हियामे सटा लिअ

जरि जरि मरत सभक दुश्मन
बस अधर मुस्की सजा लिअ

नै नेह ककरो बपौटी
तेँ अमित गंगा नहा लिअ

2212-2122

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