बाल कविता-195 वर्णमाला- "थ"
"थ"सँ थन कनिये छोट थनगर गाएक दूधो मोट
बछरू पीबय मुँह लगा अहाँ पीयब गिलास सटा
भोरे भोरे पीब जरूर सब बेमारी रहत दूर
दूधमे कनिञे चिन्नी घोरि खाएब साँझ सोहारी बोरि
जल्दी आबू पीबू आबि नै तऽ बिल्लो पीयत दाबि
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