#मैथिली_लप्रेक-4
अधरतियाक शांत वातावरणमे पछवारी टोलसँ हल्ला उठलै..भूत एलै...भूत एलै...सब किओ नथुनीक घर दिस दौड़ पड़ल ।से ठिके ओकर पक्कापर उज्जर कपड़ा फहराइत देखाइ पड़लै ।टोलबैया सबकें दऽ अदंक पैसि गेलै ।सेदुखाबाली तऽ बेहोश होइत-होइत बचल ।भीड़ जुटैत देख ओ भूत छरपानी दैत बारी धरि पहुँचि गेल ।नथुनी हनुमान चलीसाक पाठ करऽ लागल ।ओ भूत अपन हाथकेँ ठोरसँ सटा कऽ किछु मंत्र नथुनीक बेटी रधिया दिस फेकलक ।ओहि मंत्रकें जखन रधिया लोकि रहल छल तऽ सभक मुँहपर डर छलै आ रधियाक ठोरपर मुस्की ।
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