प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

गजल

प्रेम दिवस पर प्रस्तुत अछि एकटा गजल . . , ,अहाँ सब संग ओकरा लेल जेकर कृपा सँ आइ हम किछ लिख लै छी . , . ,
जे किछ कहब हँसि क' कहू ,
प्रेमक जाल मे फँसि क' कहू ,
भिज जाउ सिनेहक वर्षा मे ,
दिलक झिल मे धँसि क' कहू ,
खसा दिअ आइ बिजुरी अहाँ ,
रूपक चानन घसि क' कहू ,
प्रेम केलौँ कोनो पाप त' नै ने ,
लग आबि क' हुलसि क' कहू ,
जमाना जुल्मी किछ नै करतै ,
डरू नै बाँहि मे कसि क' कहू ,
अन्हरिया कते दिन रहतै ,
देखू भोर भेलै हँसि क' कहू ,
बना लेब दुलहिन अप्पन ,
" अमित " कने खखसि क' कहू . . . । ।
अमित मिश्र

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