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रविवार, 22 जुलाई 2012

अरबी बहरमे ह्रस्व-दीर्घक फरिछौट

1 . कोनो भी जखन संयुक्त रहत त' ओहि संयुक्त वर्णक पहिल वर्ण दीर्घ भ' जाएत भले हीँ ओ ह्रस्व किए नै होइ ।
जेना- हर्ष -21 { एत' "र" आ "ष" संयुक्त अछि आ एकर पहील वर्ण "ह " अछि जे की ह्रस्व अछि मुदा संयुक्ताक्ष के पहिले वला वर्ण अछि तेँए इ दीर्घ भेल}

मज्जर-211 वा 22

2 . अनुस्वार सदिखन दीर्घ हएत ।

3 .चंद्रबिन्दू{ँ} ह्रस्व हएत ।

4 . जँ कोनो ह्रस्व वर्ण संग "आ , ई , ऊ , ए , ऐ ,ओ ,औ ,अं " केर मात्रा आएत त' ओ दीर्घ मानल जाएत ।
जेना - की , छी , जा , अंगा , धोती , दीर्घ अछि ।

5 . कोनो वर्ण विन मात्राक अछि त' ह्रस्व हएत संगे संग जँ "इ , उ " केर मात्रा संग अछि तखनो ह्रस्व हएत ।

6 . "न्ह" आ "म्ह" संयुक्ताक्षर बला नियम के नै मानै अछि । इ अपवाद अछि ।

7 . ह्रस्व के "1 वा U " आ दीर्घ के "2 वा ।" लिखल जाइ छै ।

8 . दू टा ह्रस्व जँ एकसाथ एक ठाम आएत त' ओकरँ बहरक हिसाबसँ एक टा दीर्घ मानल जा सकैए । गणितिय रूप मे 1+1= 2 अर्थात ह्रस्व+ह्रस्व= दीर्घ ।

जेना की
चलन-1 1 1
चलन- 2 1{चल-2 आ न-1}
चलन-1 2 {च- 1 आ लन-2}

एकरा शाइर अपन बहरक हिसाबसँ दीर्घ वा ह्रस्व राखि सकै छथि ।

9 . हमर जेना बुझल अछि ओहि हिसाबसँ " अः " आ " : " मात्रा संग वर्ण ह्रस्व होइत अछि ।

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