प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 21 जनवरी 2013

हाइकू

कुछ हाइकु

1.घना कोहरा
भ्रष्टाचार का छाया
कलयुग मेँ ।

2.श्रृंगार रस
रचना कठिन है
पतझड़ में ।

3.पागल भौंरा
बसंत मेँ हो जाता
फूलोँ के लिए ।

4.दिवानी मीरा
वन वन ढ़ूँढ़े है
वंशी की धुन ।

5.काँपता रूह
वक्त जब बढ़ता
इन्तजार का ।

अमित मिश्र

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