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बुधवार, 20 मार्च 2013

नोरायल नैना



याद अहाँ के सहब कोना ,
किछु नै फुराई ये रहब कोना ,
जखन धरी रहए छै बोतल के नशा ,
तखन धरी रहए छै मदिरायल नैना ,
नशा टुटल याद आबै छी ,
भय जाइ छै नोरायल नैना . . . ।


{ अमित मिश्र }

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