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बुधवार, 27 मार्च 2013

सबपर चढ़ल नशा

सबपर चढ़ल नशा

भूजल किछु माँउसक बुट्टी
ताहिपर छल भाँगक घुट्टी
आ भौजीक हाथ पिचकारी
लागै भेलै सब लाजक छुट्टी

संग सारि सेहो दस-दस टा
लेने रंग-अबीर भरि मुट्ठी
लागै दिनेमे देखै छी सपना
किओ काट आबि कऽ चुट्टी

कनियाँ जे रूपक प्रियगर
कोना खराप केलक ब्यूटी
रंग लाल-पियर-हरियर
देह संग राँगल छल जुट्टी

छल सार बनल अलबटहा
पी-पी कऽ शराबक घुट्टी
ने माए-बाप बुझै नै भैया
पकड़ि लै बाइजीक जुट्टी

सबपर चढ़ल फागक नशा
ककरो ऊपर ककरो तरघुसकी
हम खा कऽ खूब मलपूआ
बैसल मारै छी मुस्की

अमित मिश्र

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