प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

शनिवार, 16 मार्च 2013

शायरी

हम तो रोते-रोते मुस्कुरा दिया करते हैं
भींगते-भींगते भी दिल जला दिया करते है
हमे पता है गम छूपाने कि हरेक अदा
उनके आते हीं आँसू छूपा दिया करते है

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