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शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

आम

बाल कविता- 259
आम

किछु खट्टा किछु मिट्ठा आम
लेर    चुबै   छै   लैते    नाम
हरियर  पीयर   नम्हर   छोट
छोटकी   आँठी   गुद्दा  मोट
काँच  छलै  त' चटनी   भेल
ओगरैमे  बड   खटनी  भेल
पाकि गेलै  त'  अमरित सन
दूरहिंसँ    ललचाबय     मन
फ'लक  राजा   बनलै  आम
किछु बिज्जू किछु कलमी आम

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