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बुधवार, 20 मार्च 2013

हे पण्डित जी बेर-बेर प्रणाम

बाल कविता-22
हे पण्डित जी बेर-बेर प्रणाम

नंग-धरंग भेल धोधि निकालि
ठुमकि-ठुमकि चली सगरो गाम
हाथमे जारन गमछामे दालि
हे पण्डित जी बेर-बेर प्रणाम

घरिघण्ट जे टन-टन बाजल
दौड़लौं हम जपैत अहींक नाम
दिअ प्रसाद अछि भूख लागल
करब हम बेर-बेर प्रणाम

फुस-फुस की फुसफुसा रहल छी?
चुटकी बजबैत किए बहबी घाम?
चित-पट भऽ किए लेटा रहल छी?
हे पण्डित जी बेर-बेर प्रणाम

झूट्ठे करै छी पूजा, ठोप्पा, आरती
कहाँ देखाइ दै छथि हमरा राम
छोरू ई झंझट, चलू खेलब ती-ती
करब हम बेर-बेर प्रणाम

अमित मिश्र

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