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रविवार, 17 मार्च 2013

जीवन एहिना चलैत रहै छै

जीवन एहिना चलैत रहै छै 

कखनो घटाउ आ कखनो जोड़ै छै 
कखनो गुणा कखनो भाग करै छै 
कखनो आगू कखनो पाछू घुसकै छै 
जीवन एहिना सतत चलैत रहै छै 

कखनो दुखक भूकंप सुनामी आबै छै 
कखनो सुखक गमगम फूल बरसै छै 
कखनो भीड़मे कखनो एकान्त जीबै छै 
जीवन एहिना सतत चलैत रहै छै 

कखनो पिछरै कखनो दौड़ै छै 
कर्मक पथपर काँट-रोड़ो भेटै छै 
नदी नाला सब बाधा लाँघै छै 
जीवन एहिना सतत चलैत रहै छै 

किछुए दिनकेँ साँस भेटै छै 
जे किओ एक्को पल नै रुकै छै 
घड़ीक सुइया संग जे किओ बढ़ै छै 
वएह मानव एतऽ अमर रहै छै 
जे बैसल समय व्यर्थ करै छै 
वएह मनुख सब दिन कानै छै 
एहन लोक लेल किओ नै रूकै छै 
जीवन एहिना सतत चलैत रहै छै 

अमित मिश्र 

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