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रविवार, 17 मार्च 2013

समयक संग

 समयक संग 

नै शेष बचल कोनो उमंग 
ठमकल सन जिनगीक तरंग 
कोना कऽ उड़तै मोनक पतंग 
आशक डोर बीच्चेमे भेल भंग 
सब ठाम राजनीतिक बड़का जंग 
अपनौती भैयारी भेल अपंग 
सालक साल एक्के ठाम सब प्रसंग 
टूटल छै देशक समाजक विकासक अंग 

मुदा सदिखन बदलै छै जीवनक रंग 
बैसल रहलासँ नै जीतब कोनो जंग 
छोरू सबहक चिन्ता बनबू अपन एक ढंग 
अपन विकासक लेल करू अपनेकेँ तंग 
रूकू नै बढ़ैत रहू सदिखन समयक संग 

अमित मिश्र 

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