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सोमवार, 20 जनवरी 2014

jit par tapak kari

1.82 जीतपर हारक कड़ी बनिते छै भाइ प्रीतपर साढ़े सती लगले छै भाइ मरि कऽ ओ चलि गेल सबकेँ देने नोर गाममे ओकर हँसी बचले छै भाइ सजल मधुशाला भरल डेगे डेगपर भोज्य बिनु चुप पेट बड भुखले छै भाइ भेल छै रौदी पियासल धरती सगर आँखिमे सगरो नमी बनले छै भाइ हँसि सकी हँसि लिअ जखन धरि कानै "अमित" दाव ई सबकेँ उलट पड़िते छै भाइ 2122-2122-2221 फाइलातुन-फाइलातुन-मफऊलातु अमित मिश्र

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