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रविवार, 8 जनवरी 2017

लप्रेक- अगत्ती

#लप्रेक- अगत्ती
- रौ बजरखसुआ, एना घंटी किए टुनटुनाबै छें रौ ?
-गै मुहफट्टी, एना ठिठियाइ किए छहीं गै ?
- हमर मुँह, हम कुच्छो करब तोहर बापकेँ कथी जाइ छौ रौ ?
- हमरो घंटी, हमर मर्जी, तोहर बपहियाकेँ कथी जाइ छौ ?
- हे बेसी मुँह नै लगा, नै त' मुँह नछोरि लेबौ ।तोरा बुझल नै छौ जे घंटी सुनि हमर मोन कोनादन कर' लागै छै ।
- तोरा बुझल नै छौ जे तोरा मुस्कैत देख हमर करेजा धकधकाए लागै छै ।
- रे जोनपिट्टा सरधुआ, तोहर कहैक कथी मतलब छौ ?
- गै हुरहुट्टी, हमर वैह मतलब छै जे तोहर मतलब छौ ।
- त' बकौर लागल छौ की ? साफ साफ नै बोलि होइ छौ ?
- तूँ किए नै बाजै छहीं ? तूँ की भगवत्ती बनबहीं ?
- तूँ कहबहीं त' अगत्ती बनि जेबौ ।
- बनि जो ।
- भक् ।

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