गजल-2.32
अहाँ झटकेपर झटका चला दैत छी
कने बिहुँसी आ खंजर धसा दैत छी
तनक गरमी अछि वा अछि मनक तिख जलन
अहाँ रोआँ-रोआँकेँ जरा दैत छी
जुआ घरमे जुनि बैसू हमर सामने
अहाँ पल भरिमे बाजी हरा दैत छी
अहाँ माया छी जादू चलाबैत छी
जँ चाही जगकेँ अपना बना दैत छी
चलू मीता कोनो दूर सागरक तट
अपन बालुक घर संगे सजा दैत छी
1222-2221-2212
अहाँ झटकेपर झटका चला दैत छी
कने बिहुँसी आ खंजर धसा दैत छी
तनक गरमी अछि वा अछि मनक तिख जलन
अहाँ रोआँ-रोआँकेँ जरा दैत छी
जुआ घरमे जुनि बैसू हमर सामने
अहाँ पल भरिमे बाजी हरा दैत छी
अहाँ माया छी जादू चलाबैत छी
जँ चाही जगकेँ अपना बना दैत छी
चलू मीता कोनो दूर सागरक तट
अपन बालुक घर संगे सजा दैत छी
1222-2221-2212
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