बाल कविता-156
दाइ आ भाइ
दाइ दाइ दाइ हेगे लाल मिरचाइ
तूर छी हम आ तूँ छेँ सलाइ
भाइ भाइ भाइ तूँहूँ छेँ बिलाइ
पापाक डरे कोनटा नुकाइ
दाइ दाइ दाइ हेगे बड़ हरजाइ
तेँ तँ इस्कूलमे होइ छौ धुनाइ
भाइ भाइ भाइ तूँ चुगली लगाइ
तेँ तँ करै छौ छौड़ा कुटाइ
दाइ दाइ दाइ हेगे बड़ अलसाइ
शेम्पू आ साबूनसँ नहिये नहाइ
भाइ भाइ भाइ करेँ खूबे लड़ाइ
पापासँ कहि देबौ होस्टल पठाइ
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