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रविवार, 23 अगस्त 2015

वर्णमाला : म

बाल कविता -209
वर्णमाला : म



'म'सँ मेला देखन चलू भाइ यौ
साझमे नै नै, एखन चलू भाइ यौ

जेबै जँ मेला तऽ करबै हम खेला
कहबै मनटुनमाँकेँ लऽ चलतै ठेला
बढ़ि जेबै आगू कऽ पार सब रेला
चढ़ि जेबै झूला नै हेतै झमेला
पैसापर नाच देखन चलू भाइ यौ

किनबै नै केला, हम किनबै जिलेबी
चिनियाबदामसँ हम भरि लेबै जेबी
कपड़ा खेलौनाकेँ रखने छी टेबी
फुक्का आ पिपही जे बेचै छै बेबी
सर्कसमे हेबै मगन, चलू भाइ यौ


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