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सोमवार, 24 अगस्त 2015

नचारी- भोला करै छी अर्चना

बाबा करै छी अर्चना जलबा चढ़ा चढ़ा कऽ
आनने छी भंग अहाँ लए, पेड़ा  बना बना कऽ

गंगा बहय जटा सँ , रहै छी भस्म लगा कऽ
कैलास पर बसै छी खुश होइ छी भंग खा कऽ
वरदान किओ लेने ये, बेल पात चढ़ा चढ़ा कऽ
बाबा करै छी .. ............

शम्भू अहाँ मसानी, देवता सब बात मानी
छी जग के पालन हारी, पतनी जकर भवानी
विनती करै छी अहाँ के, महिमा सुना सुना कऽ

माँगेये किओ काया, किओ माँगय बाबा माया
टुगर अमित कहय, करियौ कनेक दाया
आयल छी हम दुअरा पर, काँवर सजा सजा कऽ
बाबा करै छी............

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