मैथिली बाल कविता
5.30 भोज भेलैए
भोज भेलैए, भोज भेलैए
सगर गाममे भोज भेलैए
भोरे जखन निमंत्रण एलै
मोनूकेँ त' मन ललचेलै
खूब कचरि क' खाइए लए
दिनका भोजन बंद भेलैए
भोज भेलैए, भोज भेलैए
लल्लू लोटा ल'गमे राखै
सात बजे केर आशा ताकै
बाबा संग बबली आ अन्नू
झट तैयार सरोज भेलैए
भोज भेलैए, भोज भेलैए
छुटकी केर त' मोन मगन छै
खुशीमे छोटू आर मदन छै
नीता सीता संग सहेली
सगर दलान अनघोल भेलैए
भोज भेलैए, भोज भेलैए
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