प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 18 मार्च 2013

रुबाइ-167

रुबाइ-167


आरोप लगा रहलै एक दोसरपर

देखै कहाँ छै किओ अपन टूटल घर

उड़बै हँसी सब दोसरक टेटर देख

ककरो सुझै नै लोढ़ी सन निज टेटर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें