प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

रविवार, 26 जून 2016

धरती मैया

धरती मैया धरती मैया
करती हर पल ता ता थैया
तनिक नहीं तुम थकती हो
दिन भर चलती रहती हो

जैसे चलते चंदा मामा
जैसे चलती घड़ी हमारी
जैसे चलते लट्टू भैया
वैसी हीं है चाल तुम्हारी
तुम्ही रात-दिन करती हो
तनिक नहीं तुम थकती हो

जब भी जाता मेला ठेला
सच में होता बड़ा झमेला
मम्मी धुनती अपना माथा
कहती अब तो चला न जाता
पर तुम तो उफ न करती हो
तनिक नहीं तुम थकती हो

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