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रविवार, 26 जून 2016

इच्छा है कि

बाल कविता-5
इच्छा है कि
इच्छा है कि चाँद पर जा कर
छोटा सा एक घर बना कर
रहूँ वहाँ मैं शान से
बातें करू आसमान से

तारे संग मैं लूडो खेलूँ
ग्रहों के संग लगाऊँ रेस
पिकनिक मैं मनाऊँ जाकर
रोज रात परियों के देश

बादल पर मैं स्नान करूँ
उल्का संग करूँ अटखेल
दुसरी दुनियाँ खोजूँ जाकर
एलियन संग करूँ मैं मेल

धरती पर मैं जब भी आऊँ
लाऊँ वहाँ से कुछ संदेश
सौरमंडल के किस्से कह कर
मिटाऊँ जग से कलह क्लेश

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