प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

रविवार, 17 मार्च 2013

हाइकू

हाइकू

शहीदो सुनो
तिरंगे का कफन
तेरे लिए है

पल रहा है
विधवा के कोख मेँ
दूजा सेनानी

हर युद्ध मेँ
कटते गये सर
आलू प्याज सा

अन्धा कानून
कोरा है संविधान
नये युग में

सूखे पत्ते भी
जानते मतलब
देशप्रेम का

पल भर भी
तिरंगे के नीचे मिल
करें नमन

अमित मिश्र

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