प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

शनिवार, 30 मार्च 2013

हम माँगै छी

मोरनी माँगौ रूप उधार
चान बनऽ चाहौ भजार
कोइली माँगौ कण्ठक तार
सूगा लौ ललकी ठोरक पथार
कामदेव माँगौ यौवनक भार
मेघ छीनौ केशक बजार
झील माँगौ नील नैनक हार
नागीन चाहौ चलबाक बेबहार
झींगुर माँगौ कंगनाक झंकार
कौआ माँगौ काजरक संसार
सब किछु ने किछु माँगौ उधार
हम माँगै छी छूच्छे तोर पियार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें