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गुरुवार, 6 जून 2013

घोटाला आ घोटालेबाज

विहनि कथा - 58
घोटाला आ घोटालेबाज

मॉर्निंग वाक करैत नेता जीसँ हुनकर छऽ वर्षक बेटा पुछलकै " डैडी, ई घोटाला आ घोटालेबाज की होइ छै ?"
" घोटाला. . .घो...टा...ला... हँ...जखन कोनो चीजकेँ किओ बिना चिबेने घोंटि लै छै आ ढकारो नै करै छै तँ एहि प्रक्रियाकेँ घोटाला कहल जाइ छै ।"
" आ घोटालेबाज ?"
" जे किओ एहि प्रक्रियामे शामील रहै छै तकरा घोटालेबाज कहल जाइ छै ।"
" तखन तँ डैडी अहूँ घोटाला केने छी आ बड पैघ घोटालेबाज छी ।"
बेटाक ई उत्तर पार्कमे ठाढ़ कतेको लोक सूनि लेलक ।नेता जीकेँ लागलै जे आब सब पोल खुलि गेल ।अपने बेटाक नजरिसँ खसि गेलौं ।लाजे पएर रूकि गेलै ।डैडीक लटकल मुँह देख बेटा बाजल " अहाँ चिन्ता किए करै छी ? सिचुएशन कन्ट्रोलमे अछि ।अहाँ सदिखन पानक पीक घोंटि जाइ छी आ ढकारो नै करै छी तेँ घोटालेबाज छी ।"
बेटाक तर्क सूनि नेता जीक मोन अस्थिर भेल ।ओ बुझि गेलाह जे बेटा नम्हर भऽ बड पैघ नेता बनत ।

अमित मिश्र

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