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बुधवार, 21 अगस्त 2013

आबें लऽ तूँ राखी हमर

एहि रक्षाबंधक अहाँ सबके शुभकामनाक संग प्रस्तुत अछि हमर ई बाल गजल

बाल गजल-34

आ गै बहिन रानी हमर
आबेँ लऽ तूँ राखी हमर

भोरेसँ जोहै छी बाट
चानन लगा लाली हमर

कर आरती थारी सजल
अक्षत लगा चानी हमर

पेड़ासँ रसगुल्ला मीठ
भरि गेल छौ बाटी हमर

की देब टाका हम आइ
नै रूस गै रानी हमर

तोरे तऽ छौ साँसो हमर
रक्षा करब लाली हमर

मुस्तफइलुन-मफऊलात
2212-2221
बहरे-मुन्सरह
अमित मिश्र

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