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शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014

दाइ बाजय माइ बाजय


बाल कविता-149
दाइ बाजय माइ बाजय

घोड़ा बाजय गाय बाजय
आरो खुदरा पाइ बाजय
पाइ खातिर हाटपर
सर्कस बला भाइ बाजय
सर्कसमे छै घोड़ा
घोड़ा उपर बोरा
बोरापर बानर
तैपर बिलाइ बाजय
सर्कस बला भाइ बाजय

कल्हि बाजय आइ बाजय
नीक गप माय बाजय
दूध लेल खाटपर
भोरे भोरे दाइ बाजय
दाइ लेतै तिलबा
हम लेबै मुँगबा
तिलासँकरातिमे
सीरक तर लाइ बाजय
दाइ बाजय माइ बाजय

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