प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

शुक्रवार, 17 जुलाई 2015

वर्णमाला : द

बाल कविता- 196
वर्णमाला : द



"द"सँ दही
खएले करी

चिन्नी के आनि
चूड़ामे सानि
सुरकल करी
खूबे दही

दहीकेँ तोड़ि
पातर कऽ घोरि
पीयल करी
सरबत दही

करहीमे घोरि
भातोमे बोरि
खएले करी
ताजा दही


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