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रविवार, 20 दिसंबर 2015

अमीर

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अमीर

साठिक अवस्थाक बादो पेटक कारणे ट्रेनमे चना बेचै बला ओ वृद्ध आइ असमंजसमे पड़ि गेल छल ।आइ ट्रेनमे एका सूट-बाला बाबू चढ़लनि ।कपड़े-लत्तासँ खूब कमौआ लागि रहल छलथि ।ओहि डिब्बामे अल्लाह दोहाइ दैत एकटा भिखमंगा आबि गेल ।बेरा-बेरी सब सवारीसँ भीख माँगैत गेल ।सामर्थ अनुसारे सब किछु ने किछु ओकरा दैत गेल ।जखन ओ ओहि बाबू साहेब लग पहुँचल तऽ साहेब नाँक सिकुड़ैत कहलनि "आगे देखिये, कहाँ-कहाँ से आ जाते हैं ।धन्धा बना लिया है साला सब "
ई सूनि ओ वृद्ध असमंजस मे छल जे अमीर ओ साहेब छथि वा डिब्बाक आन सवारी !

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