बाल कविता-222
ता ता थइ
ता थइ ता थइ ता ता थइ
रहु लेबै कि लेबै गरइ
बड़ी पोखरि उनटि गेल छै
उबडुब उबडुब माँछ भेल छै
इचना पोठी आर कबइ
जेबी भरि कऽ पोठी भेल छै
आगि लेस कऽ चढ़ा देल छै
रोटी संग सन्ना चलइ
चमकै मोंछ कोना सिन्घीकेँ
माँछक चमरी छै बिन्दीकेँ
साटें मम्मी माँथे गइ
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