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रविवार, 10 जनवरी 2016

लप्रेक

‪#‎मैथिली_लप्रेक‬-16

- जानू, आइ पूर्णिमाकेँ देख एकटा प्रश्न मोनमे उठि रहल अछि ।
- कोन प्रश्न अछि प्रिय ?
- इएह जे अहाँ त' हमरो चान कहै छी तखन हमरा आ ओ चानमे की अंतर छै ?
- ई कोन भारी बात छै, अहाँ चानोसँ बेसी सुन्दर छी ।
- ओह...कने और...किछु डिफरेन्ट सोचू ने यौ ।
- कहै छी...ओ....छोड़ू ई सब....हमरासँ नै हएत...अहीं बता दिअ ने यै ।
- सिम्पल ओहि चानमे ग्रहण लागि सकै छै मुदा हमरा नै ।
- से किए यै ?
- किएकी हमरा लग अहाँ सन प्रेम करै बला पहरेदार जे अछि....हा हा हा ।

‪#‎मैथिली_लप्रेक‬-15

- वाह, आइ अहाँ पूर्णिमाक चान जकाँ लागि रहल छी ।अनमन ओससँ भीजल ललकी गुलाब छी ।
- धत, अहूँ बड ऊ छी ।
- की छी हम यै ?
- दुर जाउ, मजाख जुनि करू ।
- नै नै, आइ कहिये दिअ जे हम के छी ?
- सपनामे आबि फुसुर-फुसुर क' करेजक धुकधुकी बढ़बै बला भौंरा ।

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