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बुधवार, 20 जनवरी 2016

पढ़ब लिखब नै भारी छै

बाल कविता-228

पढ़ब-लिखब नै भारी छै
बड हल्लुक तैयारी छै

ध्यान लगा क' करू पढ़ाइ
कहथि शिक्षक करू लिखाइ
दोस्त संगे नै करू लड़ाइ
शांन्त रहू कक्षामे जाइ
याद करब बुधियारी छै
बड हल्लुक तैयारी छै

रूटिन बना प्रयास करु
बेर बेर अभ्यास करु
सफल हेबै से आस करु
खेल सेहो त' खास करु
पोथीसँ जँ यारी छै
पढ़ब-लिखब नै भारी छै

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