बाल कविता-227 चूड़ा लाउ दही लाउ
चूड़ा लाउ दही लाउ पहिने केरा पात साजाउ
बुनियाँ लाउ रसगुल्ला लाउ पहिने अहाँ पात धुआउ
चटनी लाउ अचार लाउ पहिने अपन हाथ धुआउ
चिन्नी लाउ जिलेबी लाउ पहिने कक्का भोग लगाउ
आब जे बचल, काज कराउ नै नै बौआ खाउ खाउ
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