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सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

भीम भाइ

बाल कविता-229
भीम भाइ

दुश्मन सबकेँ मारि भगाबै भीम भाइ
टुनुकपुरमे खेल रचाबै भीम भाइ
चुटकी संगे खेल खेलाबै भीम भाइ
कालियाकेँ मजा चिखाबै भीम भाइ
ढोलूकेँ त' खूब नचाबै भीम भइ
भोलूकेँ त' बड ललचाबै भीम भाइ
खा क' लड्डू जोशमे आबै भीम भाइ
राजा जीक मान बढ़ाबै भीम भाइ

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