अझुका रचना - बाल कविता
297. चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
मकइकेँ लाबा
आनलनि बाबा
माँजि क' बाटी
देलनि बाबी
खाएब मिरचाइयो
कमकुम कमकुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
भ' गेल छुट्टी
कर ने कट्टी
चल ने संगे
कर हुरदंगे
बैसल छें किए
गुमसुम गुमसुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
सुन गै गायत्री
आइ शिवरात्री
लागि गेल मेला
सर्कस खेला
बजबै डमरू
ढमढुम ढमढुम
चकइ के चकदुम
चकइ के चकदुम
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