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रविवार, 17 मार्च 2013

जागू

 जागू 

कान्हपर धेने झोरा-झपटा 
सौँसे माँथ चानन-ठोप्पा 
हाथ कमण्डल आरो चुट्टा 
दाढ़ी लटकल कोशो जट्टा 
नङ-धरङ रगरने भभूत 
नेने भागै बूझि कऽ भूत 
टाका-अन्न माँगैथ लऽ रामक नाम 
पैदल जाथि घर घर सब गाम 
एहिमे किछु छथि सत्ते भक्त 
आ किछु छथि ढोंगी ससक्त 
गलत काज आ अंधविश्वास 
हुनक खूनमे केने छै वास 
सब रोगक उपचारक दावा 
एह भेषमे ई सब छथि गामक बाबा 
ए .सी घर आ फूलक ओछेनपर 
धुमन आगरबत्तीक महक आठो पहर 
शिष्य मण्डलीमे नर कम बेसी नारी 
सरकारी वा नीजी लागल पहरेदारी 
ई छथि सब शहरक बाबा 
हिनको छै बड पैघ पैघ दाबा 
सब समस्याक हिनका लग उपचार 
लाखक-लाख टाका देलापर भेटत साक्षात्कार 
किओ फेकबेलनि घरसँ बाहर मूर्ति 
किओ अपनेकेँ बतबै छथि अवतरित देवी 
अंधविश्वासक हिनको लग हल्ला 
पढ़ल जनताकेँ मूर्ख बनाबथि खुल्लम खुल्ला 

जागू जागू एखनो यौ भाइ 
बादमे की हएत पछताइ 
दऽ दिऔ भूखलकेँ दूध-मेवा 
बाँटि दिऔ गरीबमे सब टाका 
नाङटकेँ पहिरा दिऔ कपड़ा 
एकरे दुआसँ शान्त हएत ग्रह-नछतरा 
तखने करताह भगवानो भलाइ 
जागू जागू एखनो यौ भाइ 

अमित मिश्र 

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