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बुधवार, 1 मई 2013

महिरम

महिरम

आन्दोलनक धधकैत आगिमे
जरि रहल अछि मिथिलाक सपूत
एहि पार, ओहि पार समवेत स्वरसँ
मिथिलामय भेल अछि वातावरण
एहि पावन हवण यज्ञक सपलताक बाटपर
कतेको वाधा-विध्न गोबरछत्ता सन जनमल
आ जरूरति पड़ि रहल कोनो रामक
मुदा रामक जनमसँ पहिने
आन्दोलन चलत, तीव्र वेगसँ चलैते रहत
राक्षसी शक्तिक वाधा सदिखन भेटतै
लड़ैत -लड़कै मरत मिथिलाक सपूत
मुदा ओ रक्तबीज बनि कऽ मरत
ओकर एक ठोप खूनसँ जनमतै लाखो सपूत
नव ताकत संग बनतै कतेको आन्दोलनी
तखन मैथिल-मिथिलाक बाटमे
वाधा पहुँचाबै बला बुझतै एकर महिरम

अमित मिश्र

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