प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 13 मई 2013

भरिगर प्रश्न

बाल कविता-52
भरिगर प्रश्न

माँ, माँ एगो बात बता दे
सपना कोना कऽ आबै छै ?
भरि राति तरेगण चमकै छै
भोर होइते कतऽ भागै छै ?

गर्मीमे किए गरम छै धरती ?
ठण्ढ़ामे सब जमि काँपै छै
जखन सबकें खूब बर्षा चाही
तखन किए पाथर बरसाबै छै ?

हम खाइ छी भात, सोहारी
पशु, पशुएकें भोजन बनबै छै
लोके फोड़ै छै बम आ गोली
की ? ओ इएह उपजाबै छै ?

छौ छोट मुदा छै भरिगर प्रश्न
बेटा, ई ककरो समझ नै आबै छै
भगवानक छै सबटा किरदानी
वएह सबटा काज करबाबै छै

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें