बाल कविता-71
खिस्सा
बाबा बाबा खिस्सा सुनबू झटपट मोन करैए
खट्टा मीट्ठा हँसी ठहक्का चटपट मोन करैए
एक राजा एक रानी दासी नोकर-चाकर घोड़ा हाथी
एक राक्षस खूनी एक सिपाही
हो किओ जादूकेँ नानी
कतौ झरना वा जंगल-झाड़ी
कतौ सूनसानमे फँसि जाइ गाड़ी
हमला करै राक्षस जखने
उठै बिहाड़ि भयानक तखने
राजा रानी डरि कऽ भागै
राक्षस ओकर पछोर धरै
तखने जादूगरनी चलि आबै
झट दऽ मारूक जादू करै
लड़ैत-झगड़ैत कटैत-काटैत
राक्षस मरि कऽ गर्दा फाँकैत
राजा जादूगरनीकेँ करै प्रणाम
तखने खिस्सापर पूर्णबिराम
अमित मिश्र
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