बाल कविता-102
जंगलमे क्रिकेट
शेरखानक शाही फिल्डमे आयोजित क्रिकेट
बनि एम्पायर ठाढ़ जिराफ, सियार लेने सिलेट
हाथीक हाथ बैट शोभै आ माँथ पर भारी हेलमेट
पहिले गेन लागलै मुर्गीकेँ बनल ओकर आमलेट
खूब दौड़ेलक सबकेँ हाथी मारि मारि चौका-छक्का
दोसर टीमक होश उड़ल छल हौ कक्का हौ कक्का
दोसर टीमसँ बानर एलै करिया चश्मा चढ़ेने
बालिंग करै लए हाथी एलै पूरा जोर जुटेने
सूढ़ नचा कऽ हाथी जखने पहिला गेन फेकलकै
सीधे जा चश्मापर लागलै बुकनि भऽ छिड़ियेलै
दोसर गेन माँथपर खसलै पैघ ढेढर उगि गेलै
तेसर, चारिम छुटिये गेलै पाँचमसँ टाँग तोड़ेलै
ग्रहण जानपर लागल छलै, खेलक भूत उतड़लै
जा धरि हाथी छठम फेकितै , बानर ओतऽसँ पड़ेलै
जंगलमे क्रिकेट नै भेलै, भऽ गेलै रंगमे भंग
खेल करबें तँ झगड़ा जुनि कर, खेलें सभक संग
अमित मिश्र
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