प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

फाटल पन्ना

160. फाटल पन्ना

"हे अहाँक बारेमे बड सूनि रहल छी ।अपन जुआन पत्निकेँ छोड़ि दोसर संग...ई सब नीक नै भेल ।"सुनीता अपन पति सुकेशकेँ उपराग दैत कहलनि ।ई सुनिते सुकेश तामसे लह-लह करऽ लागल "हम कमाइ छी ।हम जे करी ओइसँ अहाँकेँ की ?" बात बिगड़ैत चलि गेल ।रिश्तामे खटास बढ़ैत-बढ़ैत तलाक धरि पहुँचि गेलै ।आब सुकेश अपन प्रेमिका संग रहऽ लागल ।
" यै मृगनैनी अहाँ एतेक टाका बेकारमे व्यर्थ करैत छी ।बुझू तँ काल्हिये हार किनलौं आ फेर आइये... "सुकेश अपन प्रेमिकाकेँ कने दबारैत कहलक ।ई सुनिते प्रेमिका सुकेशपर टूटि पड़ल "एना जुनि बाजल कर ।तूँ हमरा आनलें हम अपना मोने थोड़े एलियौ ।" झगड़ा बढ़ि गेल ।बाता-बातीक बीचमे एक-दू थप्पर सुकेशकेँ लागियो गेलै ।राति भरि सूति नै सकल ।सुकेशकेँ लागऽ लागलै जे सुनीताकेँ जिनगीसँ दूर भेलासँ ओकर जिनगीक सबसँ सुन्नर पन्ना फाटि गेल छै ।

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें